टिहरी: बौराड़ी स्टेडियम का घंटाघर 7 दिन से बंद, नगर पालिका की सुस्ती पर सवाल
टिहरी। नई टिहरी के बौराड़ी स्टेडियम में स्थित घंटाघर की घड़ियां दीवाली से पहले ही बंद भी हो गई हैं और इतने दिनों बाद भी नगर पालिका ने कोई ध्यान ही नहीं दिया।
पुरानी टिहरी का प्रसिद्ध घंटाघर टिहरी बांध की झील में डूबने के बाद, उसी तर्ज पर नई टिहरी के बौराड़ी स्टेडियम में बनाया भी गया था। नगर पालिका अध्यक्ष स्व. राकेश सेमवाल के प्रयास से 2010 में टीएचडीसी के सहयोग से चेन्नई की कंपनी द्वारा घंटाघर में घड़ियां लगाई भी गई थीं। ये सेटेलाइट से चलती थीं व हर घंटे में साइरन देती थीं। घड़ियों की कीमत लगभग 4 लाख रुपये भी थी।
हालांकि, पिछले 7 दिनों से घड़ियों की सुई बंद ही है। इससे शहरवासियों को परेशानी भी हो रही है और नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इतिहास में, 1887 में प्रतापशाह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र कीर्तिशाह ने 1897 में ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया की हीरक जयंती की स्मृति में पुरानी टिहरी में घंटाघर भी बनवाया था। यह पेंडुलम से चलता व हर घंटे साइरन देता था। 2005 में टिहरी झील बनने के कारण यह घंटाघर डूब गया और नई टिहरी में इसे पुनः बौराड़ी स्टेडियम में बनाया भी गया।
नगर पालिका की सुस्ती के कारण यह धरोहर स्थल अब फिर से विरान व बंद पड़ा है।




