फूलचट्टी से जानकीचट्टी मार्ग धंसा, यमुनोत्री यात्रा फिर अधर में
बोल्डरों और भू-धंसाव से बंद है रास्ता, प्रशासन के दावे जमीनी हकीकत से दूर

यमुनोत्री धाम की यात्रा एक बार फिर से संकट में पड़ गई है। फूलचट्टी से जानकीचट्टी के बीच करीब 200 मीटर सड़क भू-धंसाव के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों की आवाजाही बेहद जोखिमपूर्ण हो गई है।
स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर दीवारों का सहारा लेकर गुजरने को मजबूर हैं। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और सड़क पर गिरी मिट्टी के कारण खाई में गिरने का भय बना हुआ है।
ना वैकल्पिक मार्ग, ना कोई सुरक्षा व्यवस्था
पुरोहित समाज से जुड़े पुरुषोत्तम उनियाल, मनमोहन उनियाल, प्यारे लाल उनियाल, प्रदीप उनियाल और सुनील उनियाल ने आरोप लगाया है कि लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने न तो सड़क खोलने की कोई कोशिश की है और न ही वैकल्पिक पैदल मार्ग की कोई व्यवस्था की गई है।
“जिला प्रशासन यमुनोत्री यात्रा शुरू करने की बात कर रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर न तो सड़क चलने लायक है, न कोई पैदल मार्ग बना है,” – स्थानीय नागरिक।
एनएच की मशीनरी भी बनास से आगे नहीं बढ़ी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएच) की मशीनरी बनास गांव से आगे नहीं बढ़ पा रही है। एनएच के ईई मनोज रावत ने बताया कि नारदचट्टी के पास लगातार बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग अवरुद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रविवार सुबह तक फूलचट्टी तक हाईवे बहाल हो सकता है।
लोनिवि अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे
फूलचट्टी–जानकीचट्टी मार्ग की जिम्मेदारी लोनिवि बड़कोट के अधीन है, लेकिन विभागीय ईई तनुज कंबोज से संपर्क नहीं हो पा रहा है। फोन रिसीव न करने के कारण विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
प्रशासन का दावा, यात्रा 13 सितंबर से शुरू होगी
जिला प्रशासन का दावा है कि 13 सितंबर से यमुनोत्री यात्रा शुरू कर दी जाएगी, लेकिन वास्तविक स्थिति उनके दावों को झुठला रही है। भारी बारिश के चलते पिछले 19 दिनों से यमुनोत्री हाईवे बाधित है और आज 20वें दिन भी पूरी तरह नहीं खुल पाया है।