उत्तराखंड जीएसटी विभाग में कर्मचारियों का काली पट्टी विरोध, दीवाली के बाद कार्य बहिष्कार की चेतावनी
देहरादून: उत्तराखंड जीएसटी डिपार्टमेंट में लंबे समय से लंबित विभागीय ढांचे के पुनर्गठन को लेकर मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध भी शुरू कर दिया है। कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन में भी जुटे हैं। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो दीवाली के बाद सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य भी होंगे।
उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि विभाग में अधिकारियों के पद लगातार ही बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों के पद लगभग स्थिर ही हैं। आदर्श ढांचे के अनुसार एक अधिकारी पर 4 कर्मचारी होने चाहिए, जबकि वर्तमान में 452 अधिकारियों के सापेक्ष 777 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। वहीं, 1177 कर्मचारियों के पदों की मंजूरी शासन स्तर पर लंबित भी है।
नेगी ने बताया कि पिछले कई वर्षों में केवल अधिकारियों के पदों में वृद्धि हुई है, जबकि कर्मचारियों के पद 2006 के बाद नहीं बढ़ाए गए, जिससे वेतन विसंगति व प्रमोशन की बाधा बनी हुई है। वहीं विभाग में काम का दबाव बढ़ने से कर्मचारी लगातार अतिरिक्त कार्य भी कर रहे हैं।
राज्यकर एसोसिएशन के शाखा मंत्री पिंकेश रावत ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कर्मचारियों पर काम का दबाव और बढ़ गया है, लेकिन उनकी मूलभूत मांगों पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारी इस मामले को शासन स्तर पर पत्राचार के माध्यम से आगे भी बढ़ा रहे हैं और कुछ कर्मचारियों के प्रमोशन भी किए गए हैं।
इस विरोध के चलते कर्मचारी बाहों पर काली पट्टी बांधकर काम भी कर रहे हैं और विभागीय अधिकारियों व शासन से विभागीय ढांचे में सुधार, पदों की वृद्धि व कार्यभार में संतुलन की मांग भी कर रहे हैं। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो कर्मचारियों द्वारा दीवाली के बाद काम बंद करने की संभावना भी जताई गई है।




