
उत्तरकाशी, 13 सितम्बर 2025 – गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों, होटल व्यवसायियों और व्यापारियों ने जिला प्रशासन द्वारा यात्रियों की संख्या और समय सीमा पर लगाई गई पाबंदियों का विरोध करते हुए मंदिर परिसर में सांकेतिक धरना दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यात्रा प्रारंभ होने के बावजूद उन्हें किसी प्रकार का आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रशासनिक पाबंदियों पर आपत्ति
प्रशासन द्वारा जारी नियमों के तहत श्रद्धालुओं को प्रतिदिन केवल सुबह 5 बजे से 9 बजे तक ही गंगोत्री धाम के लिए रवाना होने की अनुमति दी जा रही है। इसके बाद किसी भी यात्री को धाम के लिए भेजने की अनुमति नहीं है। स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और व्यवसायियों का कहना है कि इस नीति के कारण अधिकतर यात्री केवल दर्शन कर तुरंत लौट रहे हैं और धाम में रुक नहीं पा रहे, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।
व्यापारियों को हो रहा भारी नुकसान
व्यापारियों का कहना है कि मॉनसून के दौरान आपदा के चलते पिछले डेढ़ महीने में उन्हें पहले ही भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अब जब यात्रा दोबारा शुरू हुई है, तो उम्मीद थी कि कुछ राहत मिलेगी, लेकिन प्रशासन की सीमित समय सीमा और संख्या बाध्यता से उन्हें कोई लाभ नहीं हो रहा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई व्यापारियों ने बैंक से लोन लेकर अपने प्रतिष्ठान शुरू किए हैं या किराए पर दुकानें ली हैं। ऐसे में यदि यह स्थिति बनी रही तो उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।
डीएम से वार्ता, दो दिन में समाधान का आश्वासन
तीर्थ पुरोहितों की जिला मजिस्ट्रेट (DM) से फोन पर वार्ता हुई, जिसमें दो दिनों के भीतर स्थिति को सामान्य करने का आश्वासन दिया गया है। तीर्थ पुरोहितों ने स्पष्ट कहा है कि यदि यात्रा को मॉनसून से पूर्व की स्थिति के अनुरूप सुचारू रूप से नहीं चलाया गया, तो वे धाम में पूजा सहित सभी प्रतिष्ठान और होटल बंद कर देंगे। इसका जिम्मेदार शासन और प्रशासन होगा।
स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और व्यवसायियों ने प्रशासन से मांग की है कि गंगोत्री यात्रा को पूर्ववत व्यवस्था के तहत सुचारू किया जाए ताकि श्रद्धालु सही ढंग से दर्शन कर सकें और स्थानीय लोगों को भी रोजगार और व्यापार का अवसर मिल सके।