समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी में शुरू, अफसरों और कर्मियों को मिलेगी नई कानून की जानकारी
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी माह के पहले सप्ताह में शुरू करने की तैयारी है। इसमें जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर तहसील, ब्लॉक व गांवों में सर्विस सेंटर के कर्मियों को यूसीसी के न सिर्फ कानूनी प्रावधान भी बताए जाएंगे, बल्कि यूसीसी का एप व वेबसाइट से लोगों को शादी, तलाक और लिव-इन आदि पंजीकरण कराने, वसीयत और अन्य लाभ दिलाने का तरीका भी सिखाया जाएगा।
सचिव, गृह शैलेश बगौली ने बताया, अगले सप्ताह से सरकार की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिसमें डीएम कार्यालय से लेकर एसडीएम, ग्राम विकास, नगर निगम और टैक्स विभाग आदि स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, हालांकि यह एक सतत प्रक्रिया ही रहेगी।
यूसीसी को धरातल पर उतारने का सबसे बड़ी जिम्मेदारी नगर पंचायत, नगर पालिका स्तर के अफसरों, कर्मियों की ही रहेगी। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी ने जनवरी माह में यूसीसी लागू करने की घोषणा की है, लेकिन सरकार चाहती है कि पहले यूसीसी को यूजर फ्रैंडली बनाने व नए कानून से जुड़ीं जानकारियों से हर कर्मी, खासकर गांवों में सर्विस सेंटर कर्मियों को यूसीसी से वाकिफ भी करवाया जाए।
यूसीसी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार ने पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया है। यह समिति ब्यूरोक्रेट्स के प्रशिक्षण, मास्टर ट्रेनर्स तैयार करने में सहयोग, वेबसाइट आदि में मार्गदर्शन और परामर्श दे रही है।
समिति में दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, एडीजीपी अमित सिन्हा व स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा भी शामिल हैं। फिलहाल यूसीसी की अंतिम रिपोर्ट गृह विभाग के पास ही है। विधि विभाग ने उसमें कुछ संशोधन के सुझाव भी दिए हैं, जिस पर यूसीसी कार्यान्वयन समिति की सलाह से काम भी किया जा रहा है।




