आग से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर, पंचायतों से भी ली जाएगी मदद
देहरादून। उत्तराखंड में फायर सीजन (15 फरवरी से) शुरू भी हो चुका है। इसके साथ ही वन विभाग भी जंगल की आग की घटनाओं की रोकथाम के कार्य योजना बनाने में भी जुटा हुआ है। उपकरण और मानव संसाधन की तैनाती से लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। आग की रोकथाम में वन पंचायतों का विशेष सहयोग भी लिया जाएगा। इस बार शुष्क मौसम वन विभाग की चुनौती भी बढ़ा सकता है। शीतकाल में वर्षा और बर्फबारी कम होने के कारण वनों में आग की घटनाएं बढ़ने की भी आशंका है। शीतकाल में अक्टूबर से जनवरी महीने तक वर्षा में सामान्य से 70 प्रतिशत की कमी भी दर्ज की गई है। जिससे वन विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। आने वाले दिनों की चुनौतियों को देखते हुए वन विभाग ने कसरत तेज कर दी है। वन कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही वन पंचायतों, महिला और युवक मंगल दलों से भी सहयोग मांगा जा रहा है। प्रदेश में 11 हजार 300 से अधिक वन पंचायतें भी हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर जंगल की आग प्रबंधन समितियों का गठन भी कर दिया गया है। इस बार भी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए 15 करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी रखा गया है। संसाधन जुटाने के साथ ही जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी इसे खर्च किया जा रहा है। आने वाले दिनों में जंगल की आग विकराल होने पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ से भी सहयोग लिया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत निशांत वर्मा ने बताया कि जंगल की आग की मॉनिटरिंग को सिस्टम भी तैयार किया गया है। इस साल की शुरुआत में ही अल्मोड़ा, पौड़ी, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी और पिथौरागढ़ आदि जिलों में भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से फायर अलर्ट भी जारी किए गए। साथ ही जनवरी महीने के पहले दिन ही नैनीताल में भीषण आग की घटना हुई। जिसमें बड़े वन क्षेत्र को क्षति भी पहुंची। वन विभाग वन क्षेत्र में अपशिष्ट जलाना, किसानों के पराली जलाने पर नजर भी रख रहा है। उत्तराखंड में हर साल बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ रही है। साल 2016 से अब तक के आंकड़ों को देखें तो हर साल जंगलों में आग की औसतन 1553 घटनाएं हो रही है, जिनमें 2605 हेक्टेयर वन क्षेत्र झुलस भी रहा है।
वर्ष | घटनाएं | प्रभावित क्षेत्र |
2016 | 2074 | 4433.75 |
2017 | 805 | 1244.64 |
2018 | 2150 | 4480.04 |
2019 | 2158 | 2981.55 |
2020 | 135 | 172.69 |
2021 | 2813 | 3943.88 |
2022 | 2230 | 3500 |
2023 | 950 | 1150 |