अंकिता भंडारी हत्याकांड: दोषी पुलकित आर्य ने हाईकोर्ट में दी निचली अदालत के फैसले को चुनौती, अगली सुनवाई 18 नवंबर को

नैनीताल : उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है। मुख्य दोषी पुलकित आर्य ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट में अपील भी दाखिल की है। सोमवार, 7 जुलाई को हाईकोर्ट में इस अपील पर पहली सुनवाई भी हुई।
कोर्ट ने तलब किया निचली अदालत का रिकॉर्ड
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कोटद्वार कोर्ट का रिकॉर्ड तलब भी किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर 2025 को ही होगी।
क्या है मामला?
22 वर्षीय अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली थीं और यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत भी थीं। सितंबर 2022 में अंकिता की हत्या कर उसका शव चीला बैराज में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसॉर्ट स्वामी पुलकित आर्य, उसके साथी सौरभ भास्कर और अंकित को आरोपी भी बनाया गया था।
निचली अदालत का फैसला
कोटद्वार कोर्ट ने 30 मई 2025 को इस हत्याकांड में तीनों आरोपियों को IPC की धारा 302 (हत्या), 354A (यौन उत्पीड़न), और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई थी। मामले की सुनवाई के दौरान 47 गवाहों को कोर्ट में पेश भी किया गया था।
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
हाईकोर्ट में दोषी की ओर से दलील दी गई कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह ही नहीं है और शव कैनाल से बरामद हुआ था, जिससे हत्या का स्पष्ट प्रमाण भी नहीं है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि— तीनों आरोपियों की लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई। फॉरेंसिक जांच में भी यही पुष्टि हुई। अंकिता के व्हाट्सएप चैट में भी आरोपियों का ज़िक्र भी है। घटना के समय रिसॉर्ट के CCTV कैमरे भी बंद कर दिए गए थे और DVR से छेड़छाड़ भी की गई थी।