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आदि कैलाश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अगले साल मई में फिर खुलेंगे

हिमपात की संभावना और बढ़ती ठंड को देखते हुए व्यास घाटी के ज्योलिंगकांग में 14,500 फुट में स्थित आदि कैलाश में शिव-पार्वती मंदिर के कपाट पुजारी गोपाल सिंह कुटियाल और वीरेंद्र सिंह कुटियाल ने पारंपरिक वेशभूषा में पूजा-अर्चना के बाद बीते मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए हैं। अब मंदिर के कपाट अगले साल मई में यात्रियों के लिए खोले जाएंगे।

 

मंदिर के पुजारियों ने बताया कि हिमपात की संभावना को देखते हुए मंदिर के कपाट बंद कर दिए हैं। पुजारी वीरेंद्र सिंह कुटियाल और टूर ऑपरेटर पुनीत सिंह कुटियाल ने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती ठंड को देखते हुए ज्योलिंगकांग में घोड़े, खच्चर और होटल स्वामी अपने ग्राम कुटी को वापस लौटने लगे हैं। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर के बाद सभी सुरक्षा बल और ग्रामवासी नीचे की ओर लौट जाएंगे।

 

कुटी के होम स्टे संचालक कुंवर सिंह कुटियाल ने बताया कि पिछले साल अक्तूबर में पीएम नरेंद्र मोदी के आने के बाद से ही ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए यात्रियों की आवाजाही काफी बढ़ी है। इसके चलते होम स्टे, वाहन चालक, घोड़े-खच्चर स्वामियों को काफी रोजगार मिला है।

 

एसडीएम मंजीत सिंह ने बताया कि स्थानीय टूर ऑपरेटर के साथ बैठक कर शीतकाल में सड़क की स्थिति और हिमपात को देखते हुए इनर लाइन परमिट जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर से 5 नवंबर तक 8,487 सहित कुल 30,000 यात्री ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन कर चुके हैं।

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