educationउत्तराखंडवायरल न्यूज़

सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती, आरक्षित वर्ग के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू

सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों के लिए चल रही भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी। सफल अभ्यर्थियों के मामले में जांच कराकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी।

शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने जारी आदेश में कहा, उत्तराखंड राज्य में पति के आधार पर जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने वालों को नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ दिया जाना है या नहीं इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन से दिशा निर्देश मांगा था। कार्मिक विभाग के शासनादेश 10 अक्तूबर 2002 में कहा गया है कि उत्तरांचल राज्य की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पुनर्गठन अधिनियम की पांचवीं एवं छठीं अनुसूची में अलग से चिह्नित हो चुकी है।

 

उत्तरांचल राज्य के अलावा उत्तर प्रदेश व अन्य किसी राज्य का कोई व्यक्ति उत्तरांचल की राज्याधीन सेवाओं में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए अनुमन्य आरक्षण का लाभ नहीं पा सकेगा। इसके अलावा कार्मिक विभाग के 16 फरवरी 2004 के आदेश में कहा गया है कि परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों में से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच उनके नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से कराई जाएगी। जांच में यदि कोई प्रमाणपत्र जाली या गलत जारी होना पाया गया तो अभ्यर्थी का आवेदन रद्द हो जाएगा।

शिक्षक भर्ती के मामले में शासनादेश के बाद सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है कि आदेश पर अमल किया जाए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Doon Darshan